मुरादाबाद में EWS सर्टिफिकेट के नाम पर रिश्वत लेते लेखपाल रंगे हाथों गिरफ्तार: एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई

मुरादाबाद, 18 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी सफलता मिली है। यहां की बिलारी तहसील में तैनात एक लेखपाल को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत एक गरीब छात्रा के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) सर्टिफिकेट पर रिपोर्ट लगाने के बदले मांगी गई थी। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मुरादाबाद में EWS सर्टिफिकेट के नाम पर रिश्वत लेते लेखपाल रंगे हाथों गिरफ्तार: एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई


क्या है पूरा मामला?

मामला मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र के मोहल्ला सादात का है। यहां रहने वाले मेहरबान नाम के व्यक्ति ने अपनी बेटी के EWS सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बिलारी तहसील में आवेदन किया था। EWS सर्टिफिकेट उन परिवारों के लिए जरूरी होता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सरकारी योजनाओं या शिक्षा में आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं। लेकिन लेखपाल दिनेश चौधरी ने इस सर्टिफिकेट पर अपनी रिपोर्ट लगाने के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।

मेहरबान ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की। टीम ने तुरंत एक्शन लिया और एक जाल बिछाया। शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम लेकर लेखपाल के पास भेजा गया। जैसे ही दिनेश चौधरी ने पैसे लिए, एंटी करप्शन की टीम ने मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय लेखपाल के पास से रिश्वत की पूरी रकम बरामद की गई।

एंटी करप्शन टीम की भूमिका

एंटी करप्शन ब्यूरो की यह कार्रवाई सराहनीय है। टीम ने शिकायत मिलते ही जांच शुरू की और सबूतों के साथ आरोपी को पकड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे मामलों में ट्रैप ऑपरेशन से भ्रष्ट अधिकारियों को सबक सिखाया जाता है। इस घटना से साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति काम कर रही है। मुरादाबाद में पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेकर आम जनता को परेशान करते पाए गए हैं।

EWS सर्टिफिकेट क्या है और क्यों जरूरी?

EWS (Economically Weaker Section) सर्टिफिकेट भारत सरकार की एक योजना है, जो सामान्य वर्ग के उन परिवारों को 10% आरक्षण देती है जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है। यह सर्टिफिकेट शिक्षा, नौकरी और अन्य सरकारी सुविधाओं में लाभ दिलाता है। लेकिन कई बार सरकारी दफ्तरों में ऐसे प्रमाण पत्र बनवाने में रिश्वत की मांग हो जाती है, जो गरीबों के लिए मुसीबत बन जाती है। इस मामले में भी एक छात्रा की शिक्षा प्रभावित होने वाली थी, लेकिन समय पर कार्रवाई से न्याय मिला।

अगर आप भी EWS सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं, तो याद रखें कि यह प्रक्रिया ऑनलाइन और मुफ्त है। किसी भी रिश्वत की मांग पर तुरंत एंटी करप्शन हेल्पलाइन से संपर्क करें।

भ्रष्टाचार पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भ्रष्टाचार विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे छोटे-छोटे मामलों से ही बड़े स्तर पर सुधार आ सकता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं, जिनमें एंटी करप्शन ब्यूरो की भूमिका अहम है। इस गिरफ्तारी से अन्य अधिकारियों को भी चेतावनी मिलेगी कि कानून सबके लिए बराबर है।

निष्कर्ष: भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर कदम

यह घटना हमें याद दिलाती है कि भ्रष्टाचार हमारे समाज की जड़ों को कमजोर करता है। लेकिन एंटी करप्शन टीम जैसी संस्थाओं की सक्रियता से उम्मीद बंधती है। मुरादाबाद में हुई इस गिरफ्तारी से आम जनता को न्याय मिला और एक संदेश गया कि रिश्वत लेना अब आसान नहीं। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है, तो चुप न रहें – शिकायत करें और बदलाव का हिस्सा बनें।

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